मिट्टी के दियों पर भारी पड़ रहे इलेक्ट्रॉनिक लैंप, चीनी माल से पटा बाजार

 


मिट्टी के दियों पर भारी पड़ रहे इलेक्ट्रॉनिक लैंप, चीनी माल से पटा बाजार



दीपावली के पूर्व शुक्रवार को धनतेरस का त्यौहार पूरे देश में जोर-शोर से मनाया जा रहा है। वहीं धनतेरस के त्यौहार पर भी अब तकनीक परंपरा पर भारी पड़ने लगी है। मिट्टी के दियों की जगह इलेक्ट्रॉनिक लैंप तेजी से बाजार में पकड़ बना रहे हैं। बाजार में उपलब्ध इलेक्ट्रॉनिक लैंप दिखने में पूरी तरह मिट्टी के दीयों जैसा आभास दे रहे हैं। यही कारण है कि लोग इन्हें खूब पसंद भी कर रहे हैं। हालांकि, पूजा के लिए परंपरागत दिये ही लोगों की प्राथमिकता बने हुए हैं।



 

दिल्ली की लक्ष्मीनगर मार्केट में सामान्य मिट्टी के दिये दस रुपये में दो या तीन की दर से बिक रहे हैं, लेकिन मिट्टी के विशेष तरीके से बनाये गये रंगीन दिये तीस से पचास रुपये प्रति पीस की दर पर उपलब्ध हैं। पूजन या सजावट के लिए लोग इन्हें खरीद रहे हैं। चीन में बने इलेक्ट्रॉनिक दिये लोगों को खूब आकर्षित कर रहे हैं। इनके आकर्षण का सबसे अहम कारण इनका सबकी पहुंच में होना है क्योंकि इनकी कीमत पांच रुपये प्रति दिये से शुरु होकर सैकड़ों रुपये प्रति पीस तक है। अपने बेहतर डिजाइन और रंगरूप के कारण ये दिये बच्चों-महिलाओं को खूब भा रहे हैं।

विशेषकर एलईडी बल्ब लगे दिये लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं। बच्चों के इलेक्ट्रॉनिक खिलौनों की तरह बैटरी से जलने वाले दिये अलग-अलग रूप में मिट्टी के दीयों की तरह कहीं भी रखे जा सकते हैं। इनकी कीमत दस रुपये प्रति दिये से शुरू हो रही है और डिजाइन के आधार पर कई अन्य वैरायटी में उपलब्ध हैं। लगभग पूरी रात भर जलने की क्षमता वाले इन दीयों को भी खूब पसंद किया जा रहा है।

दिल्ली में भी बन रहे इलेक्ट्रॉनिक दिये


भारतीय व्यापारियों के एक संगठन ने दावा किया था कि इस दीपावली के दौरान वे चीनी माल का आयात नहीं करेंगे और बाज़ार में चीनी सामान नहीं बेचा जाएगा। लेकिन इन दावों के उलट चीनी दीयों और झालरों से बाजार अटा पड़ा है। इसमें चीनी दिये से लेकर झालरें, सजावट के सामान और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां तक शामिल हैं। हालांकि, दिल्ली के ही कुछ इलाकों में अब इलेक्ट्रोनिक लैंप भी बनाये जा रहे हैं। एक विक्रेता के मुताबिक दिल्ली के सदरबाजार, पहाड़गंज, सीलमपुर, गांधीनगर और करोलबाग जैसे इलाकों में अनेक व्यापारी एलईडी लैंप से बनने वाले सामान बना रहे हैं। ये भी खूबसूरती, तकनीकी और कीमत के मामले में चीनी सामान को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।